बॅटवारा
जिस घर में बटवारा हो जाता है
प्राणी प्राणी बंजारा हो जाता है
हो जाता है प्यार एक सपने जैसा
व्यक्ति स्वयं का हत्यारा हो जाता है
किस तरह की भावना में आज हम बहने लगे
हम नहीं हैं एक, अब तो लोग कहने लगे
एकता की मीनारें खड़ी की हमने 'नसीर '
उसके गुम्बद ही अचानक किस लिए ढहने लगे
घर में खड़ी एक दीवार है आई है बॅटवारे की
तोड़ उसे जोड़ो दिल प्यार है अपनाने की
- मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी'
जिस घर में बटवारा हो जाता है
प्राणी प्राणी बंजारा हो जाता है
हो जाता है प्यार एक सपने जैसा
व्यक्ति स्वयं का हत्यारा हो जाता है
किस तरह की भावना में आज हम बहने लगे
हम नहीं हैं एक, अब तो लोग कहने लगे
एकता की मीनारें खड़ी की हमने 'नसीर '
उसके गुम्बद ही अचानक किस लिए ढहने लगे
घर में खड़ी एक दीवार है आई है बॅटवारे की
तोड़ उसे जोड़ो दिल प्यार है अपनाने की
- मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी'